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यूपी में आउटसोर्स कर्मचारियों को बड़ा तोहफा: मिलेगा 20 से 40, हजार मानदेय

योगी सरकार आउटसोर्स नियम

Yogi Adityanath, Getty Images

उत्तर प्रदेश सरकार ने आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के हित में एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। योगी आदित्यनाथ की सरकार ने शुक्रवार को आउटसोर्स सेवा नियम का शासनादेश जारी किया, जिसके तहत अब राज्य के विभिन्न विभागों में कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारियों को न्यूनतम ₹20,000 से लेकर ₹40,000 तक का मानदेय वेतन मिलेगा।

Uttar Pradesh Chief Minister Yogi Adityanath Getty Images)

यह फैसला न केवल कर्मचारियों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने वाला है बल्कि इससे सरकारी कामकाज में भी पारदर्शिता और दक्षता आएगी।और साथ में योगी सरकार के कार्यकाल में जारी NTPC का रिजल्ट आ गया है,जिसे आप देख सकते है।

योगी आदित्यनाथ सरकार की आउटसोर्स भर्ती 

उत्तर प्रदेश सरकार ने आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए नया नियम लागू किया है, जिसमें न्यूनतम ₹20,000 से ₹40,000 मानदेय, पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया, समय पर वेतन भुगतान, आरक्षण का लाभ और PF व ESI जैसी सुविधाएं शामिल हैं। यह कदम कर्मचारियों के भविष्य को सुरक्षित बनाएगा।

भर्ती प्रक्रिया भी अब पारदर्शी होगी। उम्मीदवारों का चयन लिखित परीक्षा और साक्षात्कार के आधार पर होगा, जिससे योग्य उम्मीदवारों को ही अवसर मिलेगा। साथ ही सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि कर्मचारियों को हर माह की 5 तारीख तक समय पर वेतन भुगतान हो।

यह प्रावधान कर्मचारियों की आर्थिक स्थिरता के लिए बेहद अहम है।नए नियमों में आरक्षण की सुविधा भी शामिल है। यानी SC, ST, OBC, EWS, दिव्यांगजन, महिलाएं और भूतपूर्व सैनिक वर्गों को प्राथमिकता दी जाएगी। इससे समाज के सभी वर्गों को रोजगार का समान अवसर मिलेगा।

सबसे खास बात यह है कि अब आउटसोर्स कर्मचारियों को भी स्थायी कर्मचारियों जैसी सुविधाएं मिलेंगी। इनमें PF, ESI, मातृत्व अवकाश, स्वास्थ्य सेवाएं और चिकित्सीय अवकाश शामिल हैं। इन प्रावधानों से न केवल कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित होगा बल्कि उन्हें सामाजिक और आर्थिक दोनों स्तर पर मजबूती मिलेगी। यह कदम यूपी सरकार की उस सोच को दर्शाता है जिसमें हर कर्मचारी की गरिमा और सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई है।

भर्ती की प्रक्रिया: कैसे होगा चयन-

उत्तर प्रदेश सरकार ने आउटसोर्स कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। अब किसी भी विभाग में भर्ती केवल लिखित परीक्षा और साक्षात्कार के आधार पर होगी। इसका फायदा यह होगा कि योग्य और मेहनती उम्मीदवारों को ही अवसर मिलेगा, जिससे कामकाज की गुणवत्ता भी बढ़ेगी।

भर्ती में शामिल एजेंसियों का चयन भी किसी मनमानी तरीके से नहीं किया जाएगा। इसके लिए सरकार ने GeM Portal (जेम पोर्टल) का उपयोग अनिवार्य कर दिया है। यह पोर्टल पूरी तरह डिजिटल है और इससे प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहेगी। निगम द्वारा चयनित एजेंसियां ही भर्ती प्रक्रिया को अंजाम देंगी।

इसके अलावा, आउटसोर्सिंग एजेंसियों का कार्यकाल भी निश्चित किया गया है। कोई भी एजेंसी अधिकतम 3 वर्ष तक ही कार्य करेगी या फिर जिस अवधि के लिए आवश्यकता होगी, उतनी अवधि तक उसका कार्यकाल मान्य होगा।सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि कर्मचारियों की सेवाएं पूरी तरह नियम और शर्तों के अधीन होंगी।

यानी न तो किसी तरह का शोषण होगा और न ही कर्मचारियों की सेवाओं को बिना वजह समाप्त किया जा सकेगा। इस नियम से न केवल कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी बल्कि सरकार और विभागों की कार्यप्रणाली में भी स्थिरता आएगी।

सरकार का मकसद- भविष्य की गारंटी

उत्तर प्रदेश सरकार का यह नया नियम केवल वेतनमान तय करने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका असली मकसद आउटसोर्स कर्मचारियों को सुरक्षा और सम्मान दिलाना है। प्रमुख सचिव सचिवालय प्रशासन अमित घोष ने साफ कहा है कि यह प्रावधान इसलिए लागू किया गया है ताकि किसी भी कर्मचारी का शोषण न हो और उनका भविष्य सुरक्षित रहे।

पहले अक्सर कर्मचारियों की सेवाएं बिना किसी ठोस कारण के अचानक समाप्त कर दी जाती थीं, जिससे वे असुरक्षा और तनाव में रहते थे। लेकिन अब सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी कर्मचारी की सेवा को मनमाने ढंग से समाप्त नहीं किया जा सकेगा।अगर किसी कारणवश सेवा समाप्त करनी भी पड़ी, तो वह केवल नियमों और औपचारिक प्रक्रियाओं के तहत ही होगी। यह कदम कर्मचारियों को स्थिरता देगा और उन्हें निश्चिंत होकर अपनी जिम्मेदारियां निभाने का भरोसा भी।

शिक्षा के आधार पर रोजगार के अवसर

नया नियम पढ़ाई पूरी कर चुके युवाओं के लिए भी बड़ा अवसर है।8वीं और 10वीं पास उम्मीदवारों को कार्यालय सहायक, लैब अटेंडेंट जैसे पद मिलेंगे। स्नातक और तकनीकी योग्यता वाले उम्मीदवारों को उच्च वेतन वाले पदों पर अवसर मिलेगा। इससे शिक्षा स्तर के आधार पर रोजगार का दायरा और व्यापक हो जाएगा।

कितना समय लगेगा लागू होने में

अमित घोष के मुताबिक शासनादेश जारी होने के बाद अब गठन संबंधी औपचारिकताएं शुरू होंगी।
यह प्रक्रिया 2–3 महीने में पूरी होने की उम्मीद है। इसके बाद पूरे प्रदेश में नया आउटसोर्स सेवा नियम लागू हो जाएगा।

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