लद्दाख हिंसा: सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी क्यों हुयी –
लेह में हाल ही में हुई हिंसा के बाद पर्यावरण कार्यकर्ता और सामाजिक नेता सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी ने देशभर में सुर्खियां बटोरी हैं। लद्दाख पुलिस ने शुक्रवार दोपहर उन्हें लेह से गिरफ्तार किया और राजस्थान के जोधपुर सेंट्रल जेल में शिफ्ट कर दिया.
सोनम वांगचुक पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत कार्रवाई की गई है। इस ब्लॉग में हम उनके जीवन, गिरफ्तारी और लद्दाख हिंसा के हालात पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
सोनम वांगचुक कौन हैं?
सोनम वांगचुक लद्दाख के प्रसिद्ध इंजीनियर, शिक्षक और पर्यावरण कार्यकर्ता हैं। उन्होंने NIT श्रीनगर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिग्री प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने शिक्षा और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में सक्रिय रूप से योगदान देना शुरू किया।
उनके अनोखे कामों और सामाजिक योगदान से प्रेरित होकर बॉलीवुड में ‘थ्री इडियट्स’ फिल्म का भी निर्माण हुआ। इसके अलावा, वह लद्दाख एपेक्स बॉडी (LAB) के वरिष्ठ सदस्य हैं।
LAB, कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (KDA) के साथ मिलकर पिछले पांच सालों से लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने और राज्य का दर्जा देने के लिए आंदोलन चला रहा है। सोनम वांगचुक की नेतृत्व क्षमता और सक्रियता के कारण उन्हें स्थानीय युवाओं के बीच बहुत सम्मान प्राप्त है।
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लद्दाख हिंसा: पीछे की कहानी क्या है –
24 सितंबर को लेह में हुए प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया। प्रदर्शन का मुख्य उद्देश्य लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करना, राज्य का दर्जा देना और क्षेत्र के संवेदनशील इकोसिस्टम की सुरक्षा करना था.
प्रदर्शन के दौरान हालात बेकाबू हो गए और सुरक्षा बलों को आंसू गैस के गोले छोड़ने, लाठीचार्ज और फायरिंग करनी पड़ी। इस हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई और लगभग 70 लोग घायल हुए। स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए लेह शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के मुताबिक, सोनम वांगचुक ने युवाओं को प्रदर्शन और हिंसा के लिए उकसाने का काम किया। इसी आधार पर उनके खिलाफ कई FIR दर्ज की गईं और अंततः उन्हें गिरफ्तार किया गया।
सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी और जोधपुर जेल में सुरक्षा
सोनम वांगचुक को लेह पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के बाद उन्हें तुरंत जोधपुर सेंट्रल जेल ले जाया गया, जिसे देश की सबसे सुरक्षित जेलों में गिना जाता है। जेल प्रशासन ने उनकी सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए हैं।
जोधपुर जेल में उन्हें हाई सिक्योरिटी वार्ड में रखा गया है, जहां उनकी 24 घंटे निगरानी की जाएगी और पूरे वार्ड में CCTV कैमरों से निगरानी रखी जाएगी। इस प्रक्रिया में गोपनीयता और सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई थी।
सूत्रों के अनुसार, सोनम वांगचुक की मेडिकल जांच भी की गई और जेल प्रशासन ने उनके लिए अलग से सुरक्षा प्रबंध किए हैं। यहां यह भी बताना जरूरी है कि इस जेल में पहले पंजाब और अन्य राज्यों के आतंकवादियों को रखा जा चुका है.
गिरफ्तारी के बाद सुरक्षा प्रबंध और जेल की स्थिति
सोनम वांगचुक की जोधपुर जेल में सुरक्षा को लेकर विशेष इंतजाम किए गए हैं। उन्हें हाई सिक्योरिटी वार्ड में रखा गया है, और यहां उनकी CCTV निगरानी लगातार की जाएगी।
जेल प्रशासन ने बताया कि उनकी सुरक्षा के लिए अतिरिक्त स्टाफ लगाया गया है और अन्य कैदियों से उन्हें अलग रखा गया है। जेल की सुरक्षा इतनी कड़ी है कि यहां पहले आतंकवादियों और अन्य संवेदनशील मामलों के कैदियों को रखा जा चुका है।
सूत्रों के अनुसार, सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी और जोधपुर जेल में शिफ्ट करने की प्रक्रिया पूरी तरह गोपनीयता और सुरक्षा के घेरे में की गई।
लद्दाख हिंसा का सामाजिक और राजनीतिक प्रभाव
सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी और लेह में हुई हिंसा ने लद्दाख और देशभर में राजनीति और समाज पर गहरा प्रभाव डाला है।
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लद्दाख में कर्फ्यू और इंटरनेट सेवा बंद होने से आम जनता और प्रदर्शनकारियों के बीच तनाव बढ़ा.
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युवाओं को उकसाने के आरोप और राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई ने विवाद को और गहरा कर दिया.
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पर्यावरण और स्थानीय संस्कृति की सुरक्षा को लेकर उठ रही आवाजों ने राष्ट्रीय ध्यान खींचा.
सोनम वांगचुक जैसे सक्रिय कार्यकर्ता लद्दाख के सामाजिक और पर्यावरणीय मुद्दों को प्रमुखता से उठाते रहे हैं। उनकी गिरफ्तारी से यह स्पष्ट हुआ कि स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर संवेदनशील मुद्दों पर सरकार और प्रशासन गंभीर हैं।