Site icon

Gaza Peace Plan 2025: मिस्र में अहम बैठक, ट्रंप के दामाद कुशनर भी होंगे शामिल

Gaza Peace Plan

dailylive.in

मध्य पूर्व में दो साल से जारी खूनी संघर्ष के बीच अब उम्मीद की एक नई किरण दिखाई दे रही है।  Gaza में चल रहे युद्ध को खत्म करने के लिए एक ऐतिहासिक बैठक मिस्र की राजधानी काहिरा में होने जा रही है। इस बैठक में अमेरिका, इजरायल और हमास के शीर्ष अधिकारी शामिल होंगे।

खास बात यह है कि इस बैठक में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दामाद और पूर्व सलाहकार जेरेड कुशनर भी हिस्सा लेने जा रहे हैं, जिन्होंने पहले भी “अब्राहम समझौते” की राह तैयार की थी।

                         Getty Images

 

Gaza में लगातार बढ़ रही तबाही

शनिवार को Gaza सिटी के अल-दराज इलाके में हुए ताजा हमले में 17 फिलिस्तीनी नागरिकों की मौत हो गई, जिनमें कई बच्चे शामिल हैं। अल-अहली बैपटिस्ट अस्पताल के अधिकारियों के अनुसार, शनिवार को पूरे गाजा में कुल 67 लोगों की मौत हुई। रिहायशी इलाकों पर हमलों के बाद अस्पतालों में अफरातफरी मच गई।

इस घटना के बाद पूरी दुनिया में आक्रोश फैल गया है। ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी में हजारों लोग सड़कों पर उतर आए और “Free Palestine” के नारे लगाए। यूरोप में इस तरह के प्रदर्शन अब लगातार बढ़ रहे हैं।

ट्रंप की नई शांति योजना- 3,000 साल पुराने संघर्ष का अंत

डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर एक नया नक्शा जारी करते हुए दावा किया कि इजरायल ने उनकी शांति योजना की शुरुआती वापसी लाइन पर सहमति दे दी है।

उन्होंने लिखा –

“जब हमास पुष्टि करेगा, सीज़फायर तुरंत लागू होगा। बंधकों की अदला-बदली शुरू होगी, और यह हमें 3,000 साल पुराने संघर्ष के अंत के करीब ले जाएगा।”

Read more- बिहार विधानसभा चुनाव 2025: जल्द होगा तारीखों का ऐलान, सुरक्षा और तैयारियों की समीक्षा

मिस्र की राजधानी काहिरा बनेगी कूटनीति का केंद्र

मिस्र लंबे समय से इजरायल और हमास के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाता आया है। अब एक बार फिर काहिरा इस ऐतिहासिक वार्ता का केंद्र बनने जा रहा है।

  1. इजरायल की ओर से इस बैठक का नेतृत्व रणनीतिक मामलों के मंत्री रॉन डर्मर करेंगे, जो प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के करीबी माने जाते हैं।

  2. हमास की तरफ से खलील अल-हय्या वार्ता में शामिल होंगे, जिनकी हाल ही में दोहा में हत्या की कोशिश नाकाम रही थी।

  3. अमेरिका की ओर से जेरेड कुशनर और विशेष दूत स्टीव विटकॉफ कूटनीतिक भूमिका निभाएंगे।

इजरायली सेना ने पत्रकारों को दिखाया गाजा का हाल

इजरायली सेना ने शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय पत्रकारों को गाजा सिटी का दौरा कराया – यह एक दुर्लभ कदम था। पत्रकारों को दिखाया गया कि कैसे शहर के सबरा इलाके में अधिकांश इमारतें खंडहर बन चुकी हैं।
सेना का दावा है कि हमास अस्पतालों का सैन्य उपयोग कर रहा था, जबकि जॉर्डन और अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं इसे “अस्वीकार्य” बता रही हैं।

फिलहाल Gaza के 36 अस्पतालों में से केवल 22 पूरी तरह और 14 आंशिक रूप से काम कर पा रहे हैं।

बंधकों की रिहाई पर उम्मीद

इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने शनिवार को कहा कि उन्हें उम्मीद है कि Gaza में बंदी बनाए गए सभी बंधक आने वाले दिनों में रिहा हो जाएंगे।

                                                       Getty Images


यह बयान ऐसे समय आया है जब ट्रंप की शांति योजना का पहला चरण शुरू होने वाला है।

नेतन्याहू ने कहा-

“हम एक बड़ी उपलब्धि के बेहद करीब हैं। समझौता अभी अंतिम नहीं है, लेकिन हमारी टीम लगातार काम कर रही है।”

यह बयान इजरायली जनता के लिए राहत की खबर है, खासकर उन परिवारों के लिए जिनके प्रियजन अब भी गाजा में बंदी हैं।

इजरायल में ट्रंप की योजना के समर्थन में विशाल प्रदर्शन

तेल अवीव में शनिवार शाम 1.20 लाख से ज्यादा लोग सड़कों पर उतरे।“बंधक और लापता परिवार फोरम” द्वारा आयोजित इस प्रदर्शन में लोगों ने ‘अभी या कभी नहीं’ (Now or Never) लिखे बैनर थामे, और ट्रंप की योजना को तुरंत लागू करने की मांग की।

लोगों का कहना है कि अब राजनीतिक बयानबाजी नहीं, बल्कि कार्रवाई की जरूरत है ताकि हजारों जानें बच सकें।

विश्व समुदाय की नजरें मिस्र की बैठक पर

संयुक्त राष्ट्र, यूरोपीय संघ और अरब लीग सभी की नजरें काहिरा में होने वाली इस वार्ता पर टिकी हैं। अगर यह बैठक सफल होती है, तो यह न केवल इजरायल-हमास संघर्ष को खत्म कर सकती है,

बल्कि पूरे मध्य पूर्व में नए कूटनीतिक संतुलन की नींव रख सकती है।

हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि हमास की मंजूरी इस समझौते की सबसे बड़ी चुनौती है। हमास के कई वरिष्ठ सदस्य अब भी “पूर्ण इजरायली वापसी” की शर्त पर अड़े हुए हैं।

निष्कर्ष: क्या यह सचमुच शांति की शुरुआत है?

Gaza से आने वाली दर्दनाक तस्वीरें, बच्चों के शव और नष्ट हो चुके शहर- ये खबर  दुनिया को झकझोर चुके हैं।
अब सवाल यह है कि क्या ट्रंप की यह योजना सच में स्थायी शांति ला पाएगी, या यह भी एक असफल कोशिश बनकर रह जाएगी,

मिस्र में होने वाली यह बैठक केवल कूटनीति नहीं, बल्कि मानवता की अंतिम परीक्षा भी है.
अगर दोनों पक्ष सहमत हो जाते हैं, तो यह आधुनिक इतिहास की सबसे बड़ी शांति उपलब्धि हो सकती है.

Exit mobile version