Donald Trump Tariff 2025: ट्रंप ने चीन पर लगाया 100% टैरिफ, बढ़ा व्यापारिक तनाव

Donald Trump Tariff 2025- ट्रंप ने चीन पर उतारा 100% टैरिफ बम, क्यों भड़के अमेरिकी राष्ट्रपति?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर वैश्विक व्यापार जगत में हलचल मचा दी है। ट्रंप ने चीन पर 100 फीसदी टैरिफ (Tariff) लगाने की घोषणा कर दी है, जो 1 नवंबर 2025 से लागू होगी।

यह फैसला ऐसे समय में आया है जब चीन ने Rare Earth Minerals (दुर्लभ पृथ्वी खनिज) के निर्यात पर सख्त नियम लागू किए हैं। इन मिनरल्स का उपयोग इलेक्ट्रॉनिक्स, डिफेंस, और ग्रीन एनर्जी जैसी प्रमुख इंडस्ट्री में होता है।

ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘Truth Social’ पर चीन के इस कदम को “विश्व अर्थव्यवस्था के लिए हानिकारक” बताया और कहा कि अमेरिका अब पीछे नहीं हटेगा। उन्होंने स्पष्ट कहा कि “चीन अब दुनिया को बंधक नहीं बना सकता।”

Donald Trump Tariff 2025
                                                           Getty Images

 

टैरिफ लगाने की वजह- Rare Earth Minerals पर चीन का प्रतिबंध

चीन इस समय दुनिया में Rare Earth Minerals का लगभग 70% उत्पादन करता है। इन मिनरल्स की आपूर्ति पर चीन का नियंत्रण कई देशों के लिए चिंता का विषय रहा है। हाल ही में चीन ने घोषणा की कि कोई भी कंपनी Rare Earth या उससे बने प्रोडक्ट्स को एक्सपोर्ट करने से पहले विशेष अनुमति लेगी।

यह कदम अमेरिका के लिए बड़ा झटका था क्योंकि अमेरिकी टेक और डिफेंस इंडस्ट्री इन मिनरल्स पर काफी हद तक चीन पर निर्भर हैं। ट्रंप प्रशासन ने इसे “सप्लाई चेन ब्लैकमेल” करार देते हुए चीन के खिलाफ 100% टैरिफ लगाने का ऐलान किया।

ट्रंप के मुताबिक, “चीन के इस निर्णय से वैश्विक बाजारों में अस्थिरता आएगी और इसका सबसे बड़ा नुकसान खुद चीन को उठाना पड़ेगा।”

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नोबेल विवाद और कूटनीतिक तनाव

दिलचस्प बात यह है कि ट्रंप के इस फैसले को कई विशेषज्ञ नोबेल शांति पुरस्कार न मिलने की नाराजगी से भी जोड़ रहे हैं। हाल ही में जब ट्रंप का नाम एक बार फिर नोबेल के लिए प्रस्तावित नहीं हुआ, तो उन्होंने कई ट्वीट्स में अप्रत्यक्ष रूप से अपनी नाराजगी जाहिर की थी।

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उनका यह टैरिफ निर्णय उसी के बाद सामने आया है। ट्रंप के बयान में एक स्पष्ट संदेश था , “अमेरिका किसी भी कीमत पर अपनी अर्थव्यवस्था और लोगों की सुरक्षा से समझौता नहीं करेगा।”

इसके साथ ही ट्रंप ने यह भी कहा कि वह अब चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात नहीं करेंगे। पहले यह मुलाकात दक्षिण कोरिया में होने वाले APEC शिखर सम्मेलन के दौरान तय थी, लेकिन अब ट्रंप ने इसे “बेमानी” बताया।

यह कदम दोनों देशों के बीच पहले से तनावपूर्ण संबंधों को और गहरा कर सकता है।

आर्थिक प्रभाव: अमेरिका-चीन ट्रेड वार फिर से गर्म

ट्रंप के 100% टैरिफ फैसले के बाद ग्लोबल ट्रेड मार्केट में हड़कंप मच गया है। निवेशकों को डर है कि इससे नया ट्रेड वॉर (Trade War 2.0) शुरू हो सकता है।

अमेरिका पर प्रभाव-

ट्रंप सरकार का मानना है कि इस टैरिफ से अमेरिका में “मेड इन यूएसए” प्रोडक्ट्स को बढ़ावा मिलेगा। स्थानीय उद्योगों को लाभ होगा, खासकर मैन्युफैक्चरिंग और टेक सेक्टर में।

चीन पर प्रभाव-

चीन के लिए यह फैसला बड़ा झटका साबित हो सकता है। अमेरिका चीन के सबसे बड़े एक्सपोर्ट मार्केट्स में से एक है। 100% टैरिफ का मतलब है कि चीनी सामान अमेरिका में दोगुनी कीमत पर बिकेगा, जिससे उनकी बिक्री और उत्पादन पर गहरा असर पड़ेगा।

 आर्थिक विश्लेषकों का मानना है कि यदि यह टैरिफ लंबे समय तक लागू रहा, तो वैश्विक सप्लाई चेन पर भी इसका असर दिखेगा , खासकर इलेक्ट्रॉनिक्स, बैटरी और सोलर एनर्जी सेक्टर में।

क्या लौटेगा ट्रेड वार का दौर? विशेषज्ञों की राय

आर्थिक और राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह फैसला 2018 के ट्रेड वार की याद दिलाता है, जब ट्रंप प्रशासन ने चीन पर भारी आयात शुल्क लगाया था।

अब 2025 में एक बार फिर वही स्थिति बनती दिख रही है। अमेरिका यह संदेश देना चाहता है कि वह चीन की आर्थिक दादागिरी को स्वीकार नहीं करेगा। हालांकि, कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने चेतावनी दी है कि अगर दोनों देशों के बीच संवाद बंद हुआ तो विश्व अर्थव्यवस्था पर मंदी का खतरा मंडरा सकता है।

यूरोपीय यूनियन, जापान और भारत जैसे देशों ने भी चिंता जताई है कि इस संघर्ष से वैश्विक सप्लाई चेन बाधित हो सकती है, जिससे ऊर्जा और तकनीकी उत्पादों की कीमतों में उछाल आएगा.

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